मत्ती (Matthew), Chapter 28

  1. सब्त के दिन के बाद सप्ताह के पहिले दिन पह फटते ही मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम कब्र को देखने आईं।
  2. और देखो एक बड़ा भुईंडोल हुआ, क्योंकि प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा, और पास आकर उसने पत्थर को लुढ़का दिया, और उस पर बैठ गया।
  3. उसका रूप बिजली का सा और उसका वस्त्र पाले की नाईं उज्ज़्वल था।
  4. उसके भय से पहरूए कांप उठे, और मृतक समान हो गए।
  5. स्वर्गदूत ने स्त्र्यिों से कहा, कि तुम मत डरो: मै जानता हूँ कि तुम यीशु को जो क्रुस पर चढ़ाया गया था ढूंढ़ती हो।
  6. वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था।
  7. और शीघ्र जाकर उसके चेलों से कहो, कि वह मृतकों में से जी उठा है; और देखो वह तुम से पहिले गलील को जाता है, वहाँ उसका दर्शन पाओगे, देखो, मैं ने तुम से कह दिया।
  8. और वे भय और बड़े आनन्द के साथ कब्र से शीघ्र लौटकर उसके चेलों को समाचार देने के लिये दौड़ गई।
  9. और देखो, यीशु उन्हें मिला और कहा; ‘सलाम’और उन्होंने पास आकर और उसके पाँव पकड़कर उस को दणडवत किया।
  10. तब यीशु ने उन से कहा, मत डरो; मेरे भाईयों से जाकर कहो, कि गलील को चलें जाएं वहाँ मुझे देखेंगे॥
  11. वे जा ही रही थीं, कि देखो, पहरूओं में से कितनों ने नगर में आकर पूरा हाल महायाजकों से कह सुनाया।
  12. तब उन्हों ने पुरनियों के साथ इकट्ठे होकर सम्मति की, और सिपाहियों को बहुत चान्दी देकर कहा।
  13. कि यह कहना, कि रात को जब हम सो रहे थे, तो उसके चेले आकर उसे चुरा ले गए।
  14. और यदि यह बात हाकिम के कान तक पहुंचेगी, तो हम उसे समझा लेंगे और तुम्हें जोखिम से बचा लेंगे।
  15. सो उन्होंने रूपए लेकर जैसा सिखाए गए थे, वैसा ही किया; और यह बात आज तक यहूदियों में प्रचलित है॥
  16. और ग्यारह चेले गलील में उस पहाड़ पर गए, जिसे यीशु ने उन्हें बताया था।
  17. और उन्होंने उसके दर्शन पाकर उसे प्रणाम किया, पर किसी किसी को सन्देह हुआ।
  18. यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है।
  19. इसलिये तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो।
  20. और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं॥